एक Short Film बनाएं
एक Film
Maker बनने की दिशा में बढने के लिये एक लघु फिल्म बनाना
आवश्यक है. कई स्नातक डिग्री कार्यक्रम मे छात्रों को अपने Final
Year के दौरान एक लघु फिल्म बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। एक
Short Film बनाने से छात्रों को कक्षा में उनके द्वारा सीखे
गए उन सभी परिभाषा और सिद्दांतो का प्रयोग करने का मौका मिलता है। छात्रों द्वारा
पटकथा लिखने के बाद किसी प्रोजेक्ट को कैसे क्रियांवित करना है, बजट का प्रबंधन कैसे करना है ? कहानी के
अनुसार पात्र चयन और शूटिंग लोकेशन का चयन और फुटेज संपादित करने की व्यवस्था को
संचालित करना ।
फिल्म
निर्माता बनने की दिशा में अगला कदम अनुभव प्राप्त करना है। कम बजट वाली स्वतंत्र
फिल्मों पर कैमरा ऑपरेटर, संपादन सहायक, या लेखक के रूप में भी काम करने
में सक्षम हो सकते हैं।
Digital
Film Production के आगमन के साथ, स्वतंत्र
फिल्में बनाना अधिक सुलभ और सस्ता हो गया है। शुरू से अंत तक एक फिल्म को पूरा
करना सीखना आपको बड़े और अधिक पेशेवर प्रस्तुतियों के लिए तैयार करेगा।
Short Film कैसे बनायें ?
एक Film Maker जब भी फ़िल्म की दुनिया में कदम
रखता है और किसी फ़िल्म की शुरुआत करता है तो वह सबसे पहले Short Film से ही शुरुआत करके एक बड़ा Film Maker बन जाता है.
Short Film भी एक फिल्म की जैसी
ही होती है,
लेकिन यह बड़ी
फिल्मो के आकार में छोटी होती है. Short
Film 10-20 मिनट
की ही होती है.
सबसे पहले Subject तय करें
Short Film बनाने के लिए आप सबसे पहले विषय
तय कर लें कि,
आपको अपनी Short Film को किस विषय पर बनानी है और वह विषय दर्शकों को कितना आकर्षित कर पाएगा.
वह विशेष मेरे बजट के अंदर हो.
कहानी कैसी हो ?
विषय चुनने के बाद आपको Short
Film के लिए एक कहानी लिखनी होती है और वह कहानी ऐसी होनी चाहिए, जो किसी भी कहानी मिलते
जुलती न है,
मतलब आप जो भी कहानी लिखे वह बिलकुल अलग होनी चाहिए. आप भी एक बेहतर कहानी लिख
सकते हैं . और अगर आप कहानी नहीं लिख सकते तो आप किसी और राइटर से भी कहानी लिखवा सकते
हैं.
पटकथा (स्क्रिप्ट)
कैसे लिखें ?
स्क्रिप्ट में कहानी का नाट्य रूपांतरण होता है उसके साथ
उसमें डायलॉग होते हैं और उसमें वह सब ताना-बाना होता है कि दृश्य का समय क्या है
माहौल क्या है उसमें क्या-क्या आवश्यक सामग्री प्रयोग होनी है. इन सबको इतना डिटेल में
लिखा जाता है ताकि शूटिंग के समय किसी तरह की परेशानी सामने ना आए इसी तरह की अव्यवस्था
सामने ना हो.
Characterization (चरित्र चित्रण) करना
फिल्म में जो चरित्र है इस तरह की उनकी उम्र क्या है उनके
रहने का तरीका क्या है चलने का तरीका क्या है, उसके बोलने का तरीका क्या है, वह दिखने में कैसा
लगता है किस तरह के कपड़े पहनता है. यह सब कुछ पहले से ही तय कर लेना ताकि अभिनेता
को समझाने में ज्यादा देर ना लगे और अभिनेता को समझने में ज्यादा वक्त ना लगे.
कास्टिंग कैसे करें ? How to cast?
characterization के बाद casting करना बहुत आसान हो जाता है एक्टर को कॉल करें ऑडिशन करें जो भी ऑडिशन
करें characterization के अनुसार ही करें. और जो अभिनेता उस characterization के अनुसार perfect अभिनय करता है उसको cast करलें.
लोकेशन खोजना(Location
hunting)
फिल्म की कहानी के अनुसार आप क्या दिखाना चाहते हैं आप की
कहानी में किस तरह का घर है, किस तरह
की गली है, यह सब देखकर लोकेशन तय की जाती है. कहानी और लोकेशन के आधार
पर शूटिंग प्लान करते हैं.
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